तुमको पाकर खोना था

तुमको पाकर खोना था इक दिन तो ये होना था   किसकी बाँहों में ठहरा चाँद ये जादू-टोना था   मुझसे तुमको मिलता क्या जीवन भर का रोना था   तुम भी दिल यूँ समझाना कोई ख्वाब सलोना था   तुम झुकते कितना झुकते मेरा क़द ही बोना था